कॉर्पोरेट / अल्फाबेट के सीईओ बने पिचाई ने गूगल का ऐड रेवेन्यू 3 साल में 74% बढ़ाया, कंपनी को विवादों से भी उबारा

सुंदर पिचाई (47) गूगल के सीईओ चुने जाने के 4 साल बाद ही पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ भी बना दिए गए। पिचाई के नेतृत्व में गूगल का सालाना ऐड रेवेन्यू पिछले 3 साल में 74% बढ़ा। 2015 में 67.39 अरब डॉलर था। 2018 में 116.32 अरब डॉलर पहुंच गया। पिचाई के नेतृत्व में गूगल सभी प्रमुख ट्रेंड जैसे- क्लाउड, मोबाइल, सर्च और एडवरटाइजिंग में अग्रणी है, नई तकनीक पर खर्च करने में भी आगे है। अल्फाबेट के रेवेन्यू में गूगल के ऐड बिजनेस की 85% हिस्सेदारी है। कंपनी बीती 15 तिमाही से लगातार मुनाफे में है। पिछले साल अल्फाबेट का कुल रेवेन्यू 136 अरब डॉलर रहा। बीते 4 साल में कंपनी के शेयर ने 80% से ज्यादा रिटर्न दिया।


पिचाई 2 साल पहले अल्फाबेट के बोर्ड में शामिल किए गए, उनके पास 0.1% शेयर




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    पिचाई ने प्राइवेसी, नफरत फैलाने वाले बयान, गलत जानकारी और राजनीतिक भेदभाव जैसे विवादों से भी कंपनी को उबारा। टाइग्रेस फाइनेंशियल पार्टनर्स के डायरेक्टर (रिसर्च) इवान फेनसेथ का कहना है कि यह उम्मीद हमेशा से थी कि एक न एक दिन पिचाई को ज्यादा जिम्मेदारियां दी जाएंगी। अल्फाबेट के नेतृत्व के लिए वे उचित व्यक्ति हैं।


     


    बीते 4 साल में गूगल का ऐड रेवेन्यू

























    सालरेवेन्यू (अरब डॉलर)
    201567.39
    201679.38
    201795.38
    2018116.32

     




  2.  


    बीते 15 साल के दौरान गूगल में पिचाई का कद तेजी से बढ़ा। शुरुआत में गूगल टूलबार और गूगल क्रोम डेवलप करने में उनकी अहम भूमिका रही। 2014 में उन्हें कंपनी के सभी प्रोडक्ट और प्लेटफॉर्म्स के नेतृत्व की जिम्मेदारी मिली। पिचाई 2015 में गूगल के सीईओ बने और 2017 में पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल कर लिए गए। उनके पास कंपनी के 0.1% शेयर हैं। अब अल्फाबेट के सीईओ बनने के बाद उनके पोर्टफोलियो में गूगल के कोर प्रोडक्ट्स के अलावा सेल्फ ड्राइविंग कार सब्सिडियरी वेयमो जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हो गए हैं।


     




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    गूगलअल्फाबेट
    21 साल पहले सर्च इंजन के तौर पर शुरुआत हुई थी। कंपनी अब सॉफ्टवेयर से लेकर सेल्फ-ड्राइविंग कार तक बनाती है। गूगल अल्फाबेट की सबसे बड़ी सब्सिडियरी है। इसके पोर्टफोलियो में प्रमुख रूप से सर्च इंजन और ऐप्स आते हैं। इनमें गूगल सर्च, गूगल मैप्स, यूट्यूब और ऐडसेंस प्रमुख हैं। एंड्रॉयड और इससे जुड़ी गूगल-पे जैसी सर्विस भी इसमें शामिल हैं। अल्फाबेट के हर 10 में से 9 कर्मचारी गूगल के लिए काम करते हैं।गूगल के फाउंडर लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने 2015 में गूगल को रिस्ट्रक्चर कर अल्फाबेट बनाई। गूगल के शेयर अल्फाबेट में कन्वर्ट हो गए। अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनी का नाम बदलकर अल्फाबेट हो गया। गूगल लाइफ साइंस, नेस्ट लैब्स, गूगल फाइबर, गूगल एक्स, गूगल वेंचर, गूगल कैपिटल और वेयमो जैसी कंपनियां अल्फाबेट की सब्सिडियरी हैं। गूगल एक्स के प्रोजेक्ट्स में विंग ड्रोन डिलीवरी सिस्टम और सेल्फ ड्राइविंग कार शामिल हैं।

     




  4.  


    मार्केट कैप में अल्फाबेट दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी





























    कंपनीमार्केट कैप (रुपए)
    एपल82.55 लाख करोड़
    माइक्रोसॉफ्ट81.62 लाख करोड़
    अल्फाबेट64 लाख करोड़
    अमेजन62.88 लाख करोड़
    फेसबुक40.63 लाख करोड़

     




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    1972 में चेन्नई में जन्मे पिचाई का मूल नाम पिचाई सुंदराजन है, लेकिन उन्हें सुंदर पिचाई नाम से जाना जाता है। उन्होंने बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली। पिचाई ने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था। यूएस में उन्होंने एमएस की पढ़ाई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की और वॉर्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। 2004 में प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर के पद पर गूगल ज्वॉइन की थी।